एमपी व्यापमं घोटाला: पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर ने कोर्ट में किया सरेंडर

भोपाल. मध्यप्रदेश व्यापमं से जुड़े एडमिशन घोटाले में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के आरोपी डायरेक्टर अंबरीश शर्मा ने अदालत में सरेंडर कर दिया। व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले के करीब पांच महीने पहले अंबरीश के ससुर और कॉलेज के चेयरमैन सुरेश विजयवर्गीय ने भी स्ट्रेचर पर अदालत में सरेंडर किया था। 

अदालत ने इस मामले कुल 200 आरोपियों के खिलाफ अरेस्ट वारेंट जारी किया था। यह मामला 292 मेडिकल सीटों से जुड़ा है। इन सीटों पर ऐसे स्टूडेंट्स को एडमिशन मिला था, जिन्होंने एमबीबीएस कोर्स के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) नहीं दी थी।

मध्यप्रदेश व्यापमं घोटाले की जांच के दौरान अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में चिरायु मेडिकल कॉलेज के चैयरमैन डॉ. अजय गोयनका, डॉ. डी.के. सत्पथी, पीपुल्स ग्रुप के डायरेक्टर कैप्टन अंबरीश शर्मा, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. एस.एन. विजयवर्गीय, तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. एन.एम. श्रीवास्तव, डायरेक्टर डॉ. अशोक नागनाथ और कुलपति डॉ. विजय कुमार आरोपी हैं। 22 नवंबर 2017 को देर रात तक सीबीआई की अदालत में चली सुनवाई के बाद निजी मेडिकल कालेजों के संचालकों समेत 30 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। 592 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए गए थे।

एडमिशन में अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत थी: निजी मेडिकल कॉलेजों पर आरोप है कि इन्होंने व्यापमं अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से राज्य सरकार के कोटे की सीटों पर भी सेंधमारी की और कुल 292 ऐसे स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया, जो पीएमटी में बैठे भी नहीं थे। ये सीटें 50 लाख से एक करोड़ रुपए में बेची गई थीं।

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