Right to water act : देश का पहला राज्य एमपी! कार्यशाला में पानी पर मंथन

भोपाल : राइट टू वॉटर कानून ( Right to water act ) पर पहल करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा मध्यप्रदेश, ( Right to water ) पानी के अधिकार को लेकर विचार विमर्श कर रही। जल्द ही पानी के अधिकार लाने वाला पहला राज्य मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान में दर्ज कर लिया जाएगा। सोमवार को राइट टू वॉटर कानून को लेकर कार्यशाला में पानी के अधिकार पर मंथन हुआ।

कार्यशाला में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जो पानी के अधिकार ( Right to water act ) की शुरूआत करने जा रहा है। देश-प्रदेश में पहले अनेकानेक महत्वपूर्ण अधिकार अस्तित्व में आये, परंतु जो अधिकार सबसे पहले बनना चाहिये था, वह हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमल नाथ की अवधारणा के आधार पर अब आकार ले रहा है।

'राइट टू वॉटर' ( Right to water act ) इसकी पहली कड़ी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने 'राइट टू वॉटर'' विषयक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि पानी का अधिकार कानून बनाने के लिये कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और कानून विशेषज्ञों के सुझावों पर मंथन के बाद इसमें जनता की भागीदारी सुनिश्चित कर कानून का रूप दिया जा सकेगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह कार्यशाला अत्यंत प्रासांगिक है। इसमें भूमिगत जल भंडारों के संवर्द्धन की नई तकनीकों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि 'राइट टू वॉटर'' मात्र सरकार का कानून नहीं होगा, वरन् इसमें आम जनता की भागीदारी भी होगी। जनता की भागीदारी से कानून बनाया जायेगा। उन्होंने पानी की बचत करने एवं भू-जल भंडार बढ़ाने के नये तरीकों पर विचार करने का आव्हान भी किया।

प्रख्यात जल शास्त्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पानी के अधिकार ( Right to water ) को कानूनी दर्जा देने के लिये क्रांतिकारी कदम उठाया है। उन्होंने जल साक्षरता अभियान चलाकर आम लोगों को जाग्रत करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हम धरती से अनवरत पानी निकालते रहते हैं परंतु उसमें पानी डालने की हमने न तो चिंता की और न ही प्रयास किये। इसके चलते देशभर में पीने के पानी की समस्या विकराल रूप में सामने आ रही है। हमें इस स्थिति को बहुत गंभीरता से विचार कर जल संरक्षण के सघन प्रयास करने होंगे।

अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरी सिंह ने बताया कि पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना में सभी ग्राम पंचायतों में एक तालाब का निर्माण करवा कर जल संरक्षित किया जाएगा। प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने कार्यशाला के उद्देश्य की जानकारी दी। प्रमुख सचिव नगरीय विकास संजय दुबे, प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल सहित विषय-विशेषज्ञ, कानूनविद् और विभिन्न विभागों के अधिकारी कार्यशाला में मौजूद थे। देश-प्रदेश के तकरीबन 30 विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला में भागीदारी की।

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