MP Congress : लो कांग्रेस का अक्षय बम भी फुस्सी बम निकला 

प्रतीक खरे : कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे है। इन झटको से कांग्रेस की जडे खोखली होती जा रही है,अभी तो सिर्फ 2 चरणो का मतदान ही हुआ है और 5 चरन अभी बाकी है। पहले चरण मै खजुराहो सीट से इण्डिया गठबंधन के सांझा सपा प्रत्यासी नें अपना नामांकन सोची समझी रणनीत के तहत जानबूझ कर गलती कर रद्द करवा कर चुनावी अखाड़े से भागकर अपनी रणछोड की छवि वना ली। दुसरे चरण मै गुजरात के कांग्रेस प्रत्यासी नें भाजपा उम्मीदवार के गले मै निर्विरोध जीत का तगमा लटका दिया ओर अब तीसरे चरण मै कांग्रेस का इंदोरी अक्षय बम फुस्सी बंम निकल गया।

ऐसा नही है की भाजपा ने सभी जगह योग्य कर्मठ और लोकप्रिय पृत्यासियो को ही उम्मीदवार बनाया हो,भाजपा ने कई चिटपिटीयो ओर फुलझडीयो को भी मैदान मै उतारा है पर उनमे मोदी नाम की अत्यन्त ज्वलनशील बारूद भरी हुई है जिसके चलते भाजपा की फुलझड़ियों के सामने भी कांग्रेश के बड़े बड़े बम फुस्स फुस्स हो रहे है।

सच पूछा जाय तो इस चुनाव मै बिपक्ष की लाईन लेन्थ का ही अता-पता नही चल रहा,विपक्षी गठबंधन जिस दिशा में बैटिंग कर्ता है, मोदी मैजिक उसी दिशा मै शक्तिमान बन कर उनकी बोल को पलक झपकते ही कैच कर लेता है,और मुद्दा विहीन विपक्ष सिर्फ हाथ मलते हुये रह जाता है। इस चुनाव मै विपक्षी पार्टियो को देश के नाम पर बनाये गये गठबंधन का भी लाभ मिलता नजर नही आ रहा है। सच कहा जाये तो इस चुनाव मै भाजपा ने राष्ट्रवाद की एसी मजबुत दीवार खडी कर दी है जिसे महगाई,वेरोजगारी,ओर लोकतन्त्र के कथित खतरे मै होने जैसे मुद्दे भेदने मै अपने आप को लाचार महसूस कर रहे है। 

अभी कुछ दिन पहले ही सुको ने अपने एक फैसले से ईव्हीएम पर बहने बाले आसुओं की धारा को भी रोक दिया है।  परिणामस्वरूप अब हार का ठीकरा ईव्हीएम के सर भी नही फोड़ा जा सकता कुल मिला कर अब इण्डिया गठबंधन के पास ले दे कर एक ही मुद्दा बचता है और वह मुद्दा है की मोदी जीत गया तो फिर चुनाव नही होगे,उन्हे अब इसी मुद्दे के सहारे चुनावी बैतरनी पार करने की उम्मीद है।

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