28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा, इसके पहले सरकार ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा 2018 के दौरान आतंकियों की धमकियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस बार कि अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग लगेंगे। साथ ही ज्वाइंट कंट्रोल रूम की स्थापना भी की जा रही है जिससे सुरक्षा बलों का तालमेल बना रहे और किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों पर तुरन्त एक्सन लिया जा सकें। टेंपरेरी प्री-पेड मोबाइल कनेक्शनों की वैधता को भी सात के बजाए दस दिन करने का फैसला लिया गया है। यात्रा 28 जून से शुरू हो रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 40 हजार जवानों को तैनात किया जा रहा है।

Amarnath Yatra 2018 की तैयारी का जायजा लेने को की मॉक ड्रिल

- अमरनाथ यात्रा की तैयारी का जायजा लेने को एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) ने मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इसमें श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड समेत सीआरपीएफ व स्थानीय प्रशासन की अलग-अलग टीमों ने हिस्सा लिया। ड्रिल का उद्देश्य यात्रा की तैयारी का जायजा लेना था। 

- अमरनाथ यात्रा 28 जून 2018 से शुरू हो रही है। पिछली बार इसमें दो लाख 60 हजार श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था। मॉक ड्रिल के जरिये यह पता लगाने की कोशिश की गई कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बचाव टीमें कितनी तैयार हैं। साथ ही किसी विपरीत स्थितियों से कैसे मुकाबला इसकी भी सीख दीं।

- अप्रिय स्थिति होने के दौरान टीमें कितनी जल्दी से बचाव कार्य शुरू कर सकती हैं। ड्रिल 22 जून से शुरू की गई थी। आज इसका समापन हुआ। एनडीएमए की टीम ने सभी महकमों की टीमों के साथ सोमवार को समीक्षा बैठक की और सारी कार्यवाही पर संतोष जताया। एक अधिकारी का कहना था कि आपदा की स्थिति में सभी महकमों का एक दूसरे से बेहतरीन तालमेल है।

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