अमरनाथ यात्रा 2018 : आतंकी हमले का अलर्ट, NSG के कमांडो तैनात

अमरनाथ यात्रा 2018 में आतंकी हमले के अलर्ट के मद्देनजर केंद्र ने सुरक्षा के लिए नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड्स (एनएसजी) का जत्था कश्मीर रवाना कर दिया है। 'ब्लैक कैट' कमांडो के नाम से मशहूर खास प्रशिक्षित दस्ते का इस्तेमाल कश्मीर में चल रहे आतंकविरोधी अभियानों के दौरान भी किये जाने की बात सामने आ रही है। अधिकारियों का कहना है कि कश्मीर घाटी में कुछ समय के लिए एनएसजी की एक टीम तैनात की गई है और शहर के बाहरी इलाके में उनका कठोर प्रशिक्षण चल रहा है।

आतंकविरोधी अभियानों के एक्सपर्ट्स का कहना है कि एनकाउंटरों के दौरान ऐसी परिस्थिति यदा-कदा ही पैदा होती है, लेकिन सुरक्षा बलों के लिए यह स्थिति हमेशा करो या मरो की ही होती है। कश्मीर में एनएसजी की तैनाती का फैसला भी ऐसी ही परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया। पिछले समय से ऐसे एनकाउंटर्स की ज्यादा संख्या देखने को मिली, जहां आबादी से घिरे घरों में अभियान चलाते वक्त जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 

राज्यपाल शासन की घोषणा 

बता दें कि बुधवार को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन की घोषणा कर दी गई थी। बीजेपी द्वारा समर्थन वापसी के बाद महबूबी मुफ्ती को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि हाल में गृह मंत्रालय ने कश्मीर में एनएसजी की तैनाती को अनुमति दी थी। उन्होने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा हो जाने के बाद उनका इस्तेमाल किया जाएगा। उनके मुताबिक एनएसजी को यहां जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधीन रखा जाएगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस ही सभी आतंकविरोधी अभियानों की नोडल एजेंसी होती है। 

इनका कहना
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे में एनएसजी कमांडो की तैनाती से आतंकविरोधी अभियानों को और भी ज्यादा ताकत मिलेगी। एनएसजी कमांडो एमपी 5 सब मशीन गन, स्नाइपर राइफल, दीवार पार देखने की क्षमता वाला रेडार और सी-4 एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि 1984 में अमृतसर स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकियों को खत्म करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद एनएसजी का गठन किया गया था। 26/11 मुंबई आतंकी हमले, पठानकोट एयर बेस पर हमले और अक्षरधाम आतंकी हमले के वक्त एनएसजी कमांडो को ही तैनात किया गया था। 

(एजेंसी) 


 

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