Motor Vehicle : मोटर बीमा और गाड़ी की सेहत के बीच सम्बन्ध 

भारत में गाड़ी यानी मोटर वाहन के मालिक के लिए थर्ड पार्टी देनदारी के साथ गाड़ी की मोटर बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य है। यह मोटर बीमा अधिनियम, 1988 के अनुसार एक कानूनी आवश्यकता है। इससे गाड़ी के मालिक की वाहन के रजिस्ट्रेशन के निलंबन, ड्राइविंग लाइसेंस की जब्ती, जुर्माने या कारावास जैसी कानूनी परेशानियों से रक्षा होती है। 

गाड़ी का बीमा कराते समय एक व्यापक बीमा पॉलिसी लेना बेहतर होता है, जिसमें थर्ड पार्टी देनदारियों के अलावा दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाला नुकसान भी शामिल होता है। इस प्रकार आपका सफ़र चिंता-मुक्त बना रहता है। मोटर बीमा के उपलब्ध विकल्पों की जानकारी रखकर और पहले से सक्रिय होकर उचित कदम उठाकर आप अपने वाहन को इन जोखिमों से सुरक्षित रखकर मन की शान्ति प्राप्त कर सकते हैं।

यहाँ बाज़ार में उपलब्ध अलग-अलग प्रकार की मोटर बीमा पॉलिसी इस प्रकार हैं : 

निजी कार बीमा पॉलिसी : निजी स्वामित्व वाली कारों के लिए इस बीमा के तहत दुर्घटनाओं, आग लगने, प्राकृतिक आपदाओं, चोरी, आदि से सुरक्षा मिलती है। यह बीमा कार के मालिक को हुई चोट के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है और थर्ड पार्टियों को हुए नुकसान और चोट को भी कवर करती है।

टू-व्‍हीलर बीमा पॉलिसी : यह पॉलिसी टू-व्‍हीलर्स पर लागू होती है। इसके तहत दुर्घटनाओं, आग, प्राकृतिक आपदाओं, चोरी और थर्ड-पार्टी क्षतियों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसमें ओनर-राइडर के लिए एक अनिवार्य निजी दुर्घटना सुरक्षा शामिल है जिसे यात्रियों को कवर करने के लिए विस्तारित किया जा सकता है।

वाणिज्यिक वाहन बीमा : गैर-निजी उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त मोटर वाहन, जैसे कि मालवाहक, यात्री वाहन, और विशिष्ट वाहनों जैसे तरह-तरह के वाहनों के लिए यह पॉलिसी बीमित वाहन, इसके मालिक-ड्राइवर्स, या दोनों को हुए नुकसान या क्षति के विरुद्ध सुरक्षा मिलती है। जहाँ मृत्यु, शारीरिक चोट या थर्ड-पार्टी की संपत्ति की क्षति को कवर करने के लिए थर्ड-पार्टी देनदारी बीमा कानूनी रूप से अनिवार्य है, वहीं व्यापक बीमा का दायरा और बड़ा है, जिसमें आग लगने, चोरी, प्राकातिक आपदा, और मानवजनित विपत्ति, जैसे कि दंगा, आतंकवाद के कारण होने वाली क्षति के विरुद्ध सुरक्षा मिलती है।

अपना मोटर बीमा कवरेज बढ़ाएं 

अपनी बीमा सुरक्षा को, विशेषकर अधिक जोखिम वाले मौसमों के दौरान, मजबूत करने के लिए ऐड-ऑन या राइडर्स (अतिरिक्त प्रीमियम) के साथ अतिरिक्त बीमा लेने का विचार करें। कुछ सबसे लोकप्रिय ऐड-ऑन में इंजन की सुरक्षा, शून्य मूल्यह्रास, और सड़क पर सहायता (रोडसाइड असिस्टेंस) कवर शामिल हैं। इंजन सुरक्षा कवर के तहत जलजमाव या हाइड्रोस्टैटिक लॉक के कारण इंजन को होने वाली क्षति की स्थिति में वित्तीय लाभ प्राप्त होता है। इससे मूल्यह्रास के बगैर पूरी दावा राशि प्राप्त हो जाती है। अगर सड़क पर कहीं किसी विपरीत परिस्थिति में आपकी गाडी बंद हो जाती है, तो वैसी स्थिति में रोडसाइड असिस्‍टेंट बहुत काम आता है।

एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के हेड-अंडरराइटिंग, एस. विश्वनाथन ने कहा कि, “वाहन खरीदना काफी भावनात्मक और महत्वपूर्ण वित्तीय निवेश होता है और सही बीमा पॉलिसी के द्वारा इसे सुरक्षित रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मोटर बीमा पॉलिसी न केवल आपके निवेश की रक्षा करती है, बल्कि आपने वाहन के साथ किसी अप्रत्याशित स्थिति में यह एक वित्तीय सुरक्षा के रूप में भी काम आती है। बेहतर है कि एक व्यापक पॉलिसी का चुनाव किया जाए, या अपनी मौजूदा पॉलिसी में अन्य सम्बंधित फीचर्स को जोड़ा जाए, जिससे किसी अनपेक्षित घटना पर आपके वाहन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मोटर बीमा लेने से आप न केवल बीमित रहते हैं, बल्कि आपको जीवन की अनिश्चितताओं का आत्मविश्वास के साथ सामना करने की शक्ति भी प्राप्त होती है।”

याद रखें कि आपकी गाड़ी की रक्षा करना अकेले बीमा की जिम्‍मेदारी नहीं है। इसके लिए नियमित रूप से वाहन का रख-रखाव और मरम्मत करवाना भी ज़रूरी है, ताकि अचानक होने वाले वित्तीय भार से बचा जा सके। कोई बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले सबसे उपयुक्त बीमा पॉलिसी का चुनाव करने के लिए पूरी छानबीन कर लेना बेहतर होगा।

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