होमगार्ड व SDRF जवानों का छः दिवसीय तैराकी प्रशिक्षण  

शाजापुर/आदित्य शर्मा। जिले में मानसून के पहले हर वर्ष एसडीआरएफ व होमगार्ड के जवानों को उपकरणों की जानकारी देने के साथ ही बाढ़ व अतिवृष्टि में किस प्रकार कार्य करके प्रभावित लोगों को बचाया जाए, इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना किसी चुनौती से कम नही हैं, लेकिन जिले में तैनात एसडीआरएफ व होमगार्ड के जवान इस असंभव कार्य को संभव करके जलदूत होने का प्रमाण कई बार दे चुके हैं। 

जिला होमगार्ड कमाण्डेन्ट विक्रम मालवीय ने बताया कि जवान और भी बेहतर कार्य कर सके इसके लिए उन्हे समय-समय पर प्रशिक्षण देने के साथ ही उपलब्ध संसाधनों व उपकरणों की जानकारी भी दी जाती हैं। उन् हाैने बताया कि आपदा प्रबंधन मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार स्थानीय चीलर बांध में जवानों की कार्यक्षमता ओर कौशलवृद्धि हेतु 06 दिवसीय तैराकी एव मोटर बोट हेंडलिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

जिला कमाण्डेन्ट श्री मालवीय ने बताया कि जिला मुख्यालय से बाढ़ प्रभावित शुजालपुर क्षेत्र में एक  क्विक रिस्पोंस टीम (क्यूआरटी) को तैनात कर दिया जाता हैं। एक टीम में 10 जवान होते हैं तथा इनके पास एक मोटर बोट व अन्य संसाधन होते हैं। बाढ़ आने व जल भराव की सुचना मिलते ही ये जवान तुरंत मौके पर पहुंच कर अपने कार्य में जुट जाते हैं। यदि आपदा बड़ी हो तो जिला मुख्यालय से भी टीम रवाना की जाती हैं।

उन्हाैने बताया कि बाढ़ व अतिवृष्टि के दौरान लोगों को बचाने के लिए जिले में मोटर बोट कम्प्लिट, लाईफबॉय (रिंग), लाईफ जैकेट, रोप लांचर, स्ट्रेचर, फस्टेड बॉक्स के अलावा अन्य उपकरण मौजूद हैं जो इन जलदूतों के लिए काम आते हैं। उन्हौने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान मोटर बोट का संचालन कैसे करना, बाढ़ के दौरान जब पानी का बहाव अधिक हो तो किस प्रकार से मोटर बोट चलाई जाए, रास्ते में आने वाले पेड़ व अन्य बाधाओं से कैसे निपटा जाए तथा जवानों को तैरने का तरीका भी बताया जा रहा हैं।

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