शिक्षक नौकर नहीं, बल्कि निर्माता है - शिवराज

राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह का संबोधन, शिक्षक नौकर नहीं, बल्कि निर्माता है। शिक्षक होना कोई नौकरी नहीं, बल्कि बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले गुरु होने का महत्वपूर्ण दायित्व है। आप बच्चों को जैसा गढ़ेंगे, देश का भविष्य वैसा ही बनेगा। आपके पास देश को बनाने का जिम्मा है.. कुछ बड़ा करने का भाव अगर मेरे अंदर भरा तो मेरे गुरु ने। हर बच्चा अनंत शक्तियों का भंडार है। अगर गुरु ठीक मिल जाए तो बच्चे की क्षमता का प्रकटीकरण हो जाता है और वह डॉक्टर राधाकृष्णन, बाबासाहेब अम्बेडकर जैसा बन जाता है।

- मुख्यमंत्री मतलब मध्य प्रदेश के प्रथम सेवक के नाते मैं आपको वचन देता हूं कि आप के मान-सम्मान को बनाए रखने में हम कभी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
- एक जमाना था जब शिक्षा की पूरी व्यवस्था चौपट कर दी गई थी
- गुरुजी, शिक्षाकर्मी पता नहीं कितने वर्ग बन गए और उसके कारण विद्यार्थियों का भविष्य भी चौपट हुआ और शिक्षा की व्यवस्था भी चौपट हुई
- मैं पहले सांसद था तब मैं एक स्कूल में गया क्योंकि बच्चों से जुड़ना मुझे बचपन से बहुत अच्छा लगता है 
- मैंने स्कूल में बच्चे से एक सवाल पूछ लिया कि बेटा बताओ गंगा जी कहां से निकली हैं तो वह बच्चा अचकचा गया और फिर कहा कि विंध्याचल से निकली है
- तो मैंने जो गुरुजी पढ़ा रहे थे उनसे पूछा कि भाई क्या पढ़ा रहे हो इन बच्चों को विंध्याचल से थोड़ी निकली थी गंगा जी 
- तो गुरुजी का उत्तर था कि 500 रूपए में तो साहब विंध्याचल से ही निकलेंगी गंगा जी
- उस समय तो शिक्षकों का ही भविष्य चौपट हो गया था तो बच्चों का भविष्य कैसे संवारतते 
- हम उस व्यवस्था को सुधारने की लगातार कोशिश करते करते अब इस मुकाम पर पहुंचे हैं

 

Share:


Related Articles


Leave a Comment