नगर पालिका द्वारा उड़ाई जा रही RTI अधिनियम की धज्जियां

सूचना के अधिकार अधिनियम  के तहत संभाग संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा राज्य सूचना आयुक्त के आदेश के बाद भी नहीं उपलब्ध कराई गई जानकारी। नेता प्रतिपक्ष ने पुनः की राज्य सूचना आयुक्त से अपील करते हुए। स्वयं राज्य सूचना आयोग भोपाल पहुंचे।

अशोकनगर/चंदेरी @संवाददाता - निर्मल विश्वकर्मा,

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत देश में भ्रष्टाचार हटाने व सरकार के द्वारा की गई अनियमितताओं में पारदर्शी बनाए रखने के लिए यह अधिनियम लाया गया था। हर नागरिक को यह अधिकार प्राप्त है कि कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं इसकी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

सरकार को जो टैक्स प्राप्त होता है उस राशि का क्या उपयोग हो रहा है। जो अनुदान विभाग को सरकार द्वारा प्राप्त होता है उस राशि का सदुपयोग हो रहा है या दुरुपयोग। इस हेतु सरकार ने जनता एवं सरकार में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 पारित किया था।

इस अधिनियम में सरकारी अधिकारियों कार्यालयों की समस्त जानकारी किसी भी आमजन को एक आवेदन के माध्यम से प्राप्त हो सकेगी और वह उस जानकारी पर अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त कर सकेगा। क्योंकि जब तक किसी व्यक्ति को किसी विभाग की योजना की जानकारी नहीं होगी तो उस पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा।

देश में प्रत्येक नागरिक को किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी या कोई भी दस्तावेज की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने का अधिकार देती है अधिकारी द्वारा जानकारी नहीं दिये जाने पर विभाग से संबंधित वरिष्ठ कार्यालय को प्रथम अपील एवं राज्य सूचना आयोग को द्वितीय अपील करने का प्रावधान रखा गया है साथ ही उस लोक सूचना अधिकारी पर अर्थदंड का भी प्रावधान अधिनियम के तहत रखा गया है।

मामला मध्यप्रदेश के चंदेरी जिला अशोकनगर कि नगर पालिका परिषद का है। जहां नगर पालिका चंदेरी के वार्ड क्रमांक 13 के भारतीय जनता पार्टी के पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष सीताराम अहिरवार भ्रष्टाचार को लेकर दिनांक 16/11 /2016 एवं दिनांक 30/11/ 2016 को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी चाहिए थी किंतु नगर पालिका चंदेरी के लोक सूचना अधिकारी द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी गई।

उसके पश्चात उन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ग्वालियर को प्रथम अपील प्रस्तुत किं उनके द्वारा भी लोक सूचना अधिकारी नगर पालिका चंदेरी को वांछित जानकारी 15 दिवस के भीतर उपलब्ध कराने का आदेश प्रदान किया गया फिर भी कोई जानकारी नेता प्रतिपक्ष को लोक सूचना अधिकारी नगर पालिका चंदेरी द्वारा प्रदान नहीं की गई।

द्वितीय अपीलीय अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राज्य सूचना आयोग भोपाल को प्रेषित की राज्य सूचना आयुक्त द्वारा भी वांछित जानकारी 15 दिवस के भीतर उपलब्ध कराने को लोक सूचना अधिकारी नगर पालिका परिषद चंदेरी को आदेशित किया गया और साथ ही चेतावनी दी गई कि भविष्य मे ऐसी वैधानिक त्रुटि की पुनरावृत्ति ना करें अन्यथा धारा 20(1 )20(2 )के तहत दंडात्मक  प्रावधान आकर्षित किए जाएंगे। किंतु राज्य सूचना आयुक्त के आदेश के बाद भी लोक सूचना अधिकारी नगर पालिका चंदेरी द्वारा कोई जानकारी नेता प्रतिपक्ष को उपलब्ध नहीं कराई गई।

नेता प्रतिपक्ष ने पुनः राज्य सूचना आयुक्त से की अपील और स्वयं पहुंचा राज्य सूचना आयोग भोपाल। लोक सूचना अधिकारी नगर पालिका चंदेरी द्वारा आवेदक सीताराम अहिरवार नेता प्रतिपक्ष को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो दिनांक 03/ 8/ 2018 को राज्य सूचना आयुक्त श्री आत्मदीप से जानकारी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सूचना आयोग  मैं उपस्थित हुआ और आवेदन देकर आग्रह किया कि श्रीमान जी जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराई जावे।

 

Share:


Related Articles


Leave a Comment