'जूता-चप्पल उद्योग की वृद्धि, निर्यात को गति देने के लिए जीएसटी दर में हो कटौती'

देश में चमड़ा निर्यातकों ने उद्योग की वृद्धि तथा निर्यात को गति देने के लिये वित्त मंत्रालय से जूते-चप्पलों पर माल एवं सेवा कर की दर (जीएसटी) में कमी करने का आग्रह किया है। चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन पी आर अकील अहमद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में मंगलवार को बजट पूर्व बैठक में इस मुद्दे को उठाया। 

उन्होंने कहा कि घरेलू जूता-चप्पल क्षेत्र में रोजगार सृजन तथा विदेशी मुद्रा अर्जित करने की काफी संभावना है। अहमद ने एक बयान में कहा, ''जूते-चप्पल पर जीएसटी में कटौती से इस घरेलू उद्योग की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।" परिषद ने 1,000 रुपये से अधिक मूल्य के जूते-चप्पल पर जीएसटी दर कम कर 12 प्रतिशत करने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि 1,000 रुपये तक के जूते-चप्पल पर जीएसटी दर कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि इससे अधिक मूल्य पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत है। फिलहाल चमड़ा और उसके उत्पादों का निर्यात 6 अरब डॉलर का है। बड़े निर्यात गंतव्यों में यूरोप तथा अमेरिका शामिल हैं।

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