जन्मदिवस पर विशेष - पीसी भाई का मतलब ‘पब्लिक कनेक्टिंग’ लीडर

pc sharma birthday : एक राजनेता और एक जननेता में फर्क देखना हो तो आपको मध्यप्रदेश के उस लीडर से मिलना होगा, जिसे लोग अपना कहते हैं. उनके नाम के साथ उनका कोई पदनाम या उपनाम नहीं लगाया जाता है. सारे लोग नाम के साथ भाई का संबोधन देते हैं. उनके बारे में लोगों का मानना है कि ऐसा सहज और संवाद स्थापित करने वाला नेता अर्से बाद प्रदेश को मिला है. निश्चित रूप से यह उनकी तारीफ नहीं है बल्कि यह उनके तासीर की बात की जा रही है। आप शायद अनुमान लगा रहे होंगे या कह रहे होंगे.. अरे ये तो पीसी भाई के बारे में बात हो रही है.

आप पी.सी. शर्मा को तो बेहतर जानते होंगे लेकिन प्रकाश चंद्र शर्मा से आपका परिचय नहीं है. हो भी नहीं सकता है क्योंकि उनकी पहचान पीसी भाई के रूप में ही है. दरअसल अपने लोगों के लिए तीन दशकों से अधिक समय तक जूझने और सडक़ों पर उतरने वाला यह शख्स पीसी तो है लेकिन पीसी शर्मा नहीं बल्कि ‘पब्लिक कनेक्टिंग' शर्मा हैं. इसे थोड़ा सा और विस्तार से समझ लें कि ‘पी’ अर्थात पब्लिक और ‘सी’ अर्थात कनेक्टिंग. 70 साल के पीसी भाई कभी थकते, कभी रूकते नहीं दिखे. वे चिरयुवा हैं और इस ऊर्जा का राज है अपने लोगों का साथ बने रहना.

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पीसी भाई राजनेता हैं और लेकिन उनकी तासीर में राजनेता जैसा कोई गुण नहीं दिखता है. 15 वर्षों बाद कांग्रेस सत्ता में आयी और पीसी भाई विधायक बनें. 15 साल तक भोपाल की सडक़ों पर कांग्रेस के बैनर पर वे विपक्षी दलों से संघर्ष करते रहे. आम आदमी के लिए उनका संघर्ष तो आम आदमी ही जानता है. जननेता से विधायक बने पीसी भाई तो यह लाजिमी था कि उनके अनुभव और आम आदमी से सम्पर्क सरकार के लिए उपयोगी बने. मुख्यमंत्री कमल नाथ ने उन्हें अपने साथ रखा और जनसम्पर्क विभाग के कानून और कानूनी मामलों के विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग का प्रभार दिया गया. पब्लिक कनेक्टिंग और मध्यप्रदेश के लिए उनके कमिटमेंट के मुरीद मुख्यमंत्री कमल नाथ अपने साथ के विभागों में रखा. यह उनके तीन दशकों के संघर्ष का सुफल है. कायदे से एक मंत्री के नाते जो अब तक का अनुभव रहा है पब्लिक कनेक्टिंग का यह तार डिस्कनेक्ट हो जाना था लेकिन पीसी भाई को यह मंजूर नहीं था. वे जैसे थे, वैसे ही रहना चाहते थे और हैं भी वैसे ही. उनके आसपास वो सारे लोग हैं जो उनके साथ वर्षों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. आज भी वे मंत्री से मिल पाएं या नहीं लेकिन बेधडक़ पीसी भाई के साथ खड़े दिखते हैं. 

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पीसी भाई से मिलने सुबह से लोगों का मिलने का तांता लग जाता है. कुछ बंदिशें हैं और कुछ उनका अधिकार. जिसे जो दे सकते हैं, वह देने की कोशिश में जुटे रहते हैं. निराश करना पीसी भाई को आता नहीं लेकिन कुछेक बंधन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करता है. यदि आप पीसी भाई से मुद्दत से जुड़े हैं तो आपको अंदाज हो जाएगा कि यह शख्स किस मिट्टी का बना हुआ है. नरम दिल पीसी भाई के साथ एक और खास बात है कि वे नियमों की हद में रहते हैं. पद और उसके प्रभाव में कभी उन्होंने अपनी सीमा नहीं लांघी. वे मर्यादा का पालन करते हैं. जब कांग्रेस की सरकार नहीं थी तब और आज जब कांग्रेस की सरकार है, अपनी बात वे बेहद सधे हुए ढंग से रखते हैं. आज तो वे मंत्री हैं लेकिन राजसत्ता का प्रभाव कहीं नहीं दिखता है. यही सहजता पीसी भाई को ‘पब्लिक कनेक्टिंग’ लीडर के रूप में स्थापित करता है। 

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इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल करने वाले 70 साल के पीसी भाई को एक मंत्री के नाते उन्हें अपने अधिकार का ज्ञान है लेकिन इसके उपयोग की सीमा वे भी जानते हैं. वे इस बात से भी बेखबर नहीं हैं कि कौन उनके आदेशों की अवहेलना कर रहा है और कौन उनके आदेश को नियमों के भीतर अमलीजामा पहनाने में देर नहीं करता है. वे आम आदमी के साथ सरकार के विभिन्न पदों में नियुक्ति लोगों की जायज मांगों को पूरा करने में कभी पीछे नहीं हटते हैं. आप स्वयं इस बात की जानकारी ले सकते हैं कि किस तरह वर्षों से अपने हक के लिए परेशान होते लोगों को चुटकियों में पीसी भाई ने राहत दिलायी है. ऐसे कई मौके आते हैं और कई उदाहरण हम-आपको देखने के लिए मिल जाएगा, जहां मंत्री पीसी शर्मा नहीं, एक लीडर पीसी शर्मा नहीं बल्कि अपनों के बीच का अपना लीडर पीसी भाई आगे बढक़र काम करते हैं.

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पीसी भाई बोले तो ‘पब्लिक कनेक्टिंग’ लीडर की इन खासियतों की जिक्र की आज जरूरत क्यों पड़ी तो बता दें कि आमजन का यह लीडर अपने यशस्वी जीवन के एक और वर्ष पूर्ण कर रहे हैं. उनके जन्मदिन पर मुबारकबाद का यह मौका मौजूं है, इसलिए कुछेक खासियत गिनाने की अनिवार्यता है. पीसी भाई का यह ‘पब्लिक कनेक्टिंग’ लीडरशिप ही उनके जन्मदिवस का सबसे बड़ा मुबारक तोहफा है क्योंकि उनके जीवन में सर्वधर्म-समभाव सबसे पहले है. वे कांग्रेस उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जो गांधी मार्ग पर चलते हैं. सादा जीवन के हिमायती इस ‘पब्लिक कनेक्टिंग’ लीडर हर वर्ष अपने अनुभवों से प्रदेश के विकास में लगाते रहें. एक बार फिर तहेदिल से पीसी भाई को जन्मदिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं. (लेखक मनोज कुमार भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार हैं. 

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