'कोरोना ने जिंदगी का तरीका बदल दिया, घर ही दफ्तर है और मैं भी बदलावों को अपना रहा हूं'

कोरोना ने जिंदगी का तरीका बदल दिया, घर ही दफ्तर है और मैं भी बदलावों को अपना रहा हूं: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के युवाओं से अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना ने पेशेवर जिंदगी को बदलकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि आजकल घर ही दफ्तर है और इंटरनेट मीटिंग रूम और मैं भी इन बदलावों को अपना रहा हूं। मोदी ने वेबसाइट लिंक्डइन पर लेख लिखा। इसका शीर्षक था कोविड-19 के दौर में जिंदगी। इसमें उन्होंने बताया कि कैसे इस महामारी ने लोगों की जिंदगी को बदल दिया है।

‘वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फोन के जरिए कर रहा हूं काम’
पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि वह भी किस तरह इन बदलावों को अपना रहे हैं। पीएम ने लिखा, ‘अधिकतर मीटिंग भले ही वह साथी मंत्रियों संग हो, अधिकारियों के साथ या दुनिया के नेताओं संग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है। जमीनी स्थिति का फीडबैक लेने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहा हूं।’ पीएम ने कहा कि इसके अलावा फोन पर समाज के विभिन्न वर्गों से बात कर रहे हैं।

युवाओं को मोदी की टिप्स
मोदी ने अंग्रेजी वर्णमाला के वॉवेल्स ए, ई, आई, ओ और यू के जरिए युवाओं को टिप्स दिए। उन्होंने कहा- मैं इसे वॉवेल्स ऑफ न्यू नॉर्मल कहता हूं, क्योंकि अंग्रेजी भाषा में वॉवेल्स की तरह ही ये भी कोविड-19 के बाद दुनिया के नए बिजनेस मॉडल के अनिवार्य अंग बन जाएंगे।

A = एडॉप्टीबिल्टी यानी अनुकूलता
E = एफिशिएंसी यानी दक्षता
I = इन्क्लूसिविटी यानी समावेशिता
O = अपॉर्च्युनिटी यानी अवसर
U = यूनिवर्सलिज्म यानी सार्वभौमिकता

कोरोना धर्म और जाति नहीं देखता है, हमें एक रहना चाहिए- मोदी
इस लेख के अलावा मोदी ने कुछ ट्वीट भी किए। इनमें मोदी ने लिखा- कोविड-19 धर्म, जाति, रंग, भाषा और सीमा नहीं देखता है। इस समय हमारी प्रतिक्रिया और आचरण एकता व भाईचारे वाला होना चाहिए। इस समय हम साथ हैं। भारत का अगला बड़ा विचार वैश्विक प्रासंगिकता वाला होना चाहिए। हमारे पास न केवल भारत के लिए, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता होनी चाहिए।

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