Holi 2020 : होलिका दहन के लिए आधी रात तक नहीं करना पडेगा इंतजार, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

होली holi-2020 का पर्व प्रेम और उल्लास का होता है। Holika Dahan 2020 सामाजिक सद्भाव और समरसता के पर्व होलिका दहन की तारीख नजदीक आ रही है। 09 मार्च Holi 2020  की शाम विधि विधान से होलिका दहन किया जाएगा। इस बार होलिका दहन में भद्रा काल की बाधा नहीं रहेगी। इस पांच दिवसीय आस्था व हुड़दंग के त्यौहार को शालीनता के माहौल में मनाने के लिए जिला व पुलिस-प्रशासन ने भी अपने स्तर से तैयारियां करना शुरू कर दी हैं। होलिका दहन के लिए आधी रात तक का मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

तीन मार्च से शुरू होंगे होलाष्टक
2020 का होलाष्टक दोष 03 मार्च मंगलवार को प्रारंभ हो रहा है। जो नौ मार्च होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाएगा। सभी शुभ कार्य वर्जित हैं। नौ मार्च को गोधूलि बेला में होली दहन होगा। 10 मार्च को ही होली खेली जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. अर्रंवद मिश्र ने बताया कि होलाष्टक के पहले दिन अर्थात फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन में मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है, जिसकी वजह से शुरू किए गए कार्य के बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है।

होलिका दहन Holika Dahan का शुभ मुहूर्त
धर्मगुरु पं. ओमप्रकाश शुक्ला पं. मुकेश भार्गव ने बताया कि होलिका दहन 09 मार्च को शाम को होलिका दहन मुहूर्त :18:20:47 से 20:49:49 किया जाएगा। (Holi Shubh Muhura) होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6.20 बजे से रात 8.49 बजे तक रहेगा। शहर में होली पर्व की तैयारियां जगह-जगह प्रारंभ हो गई हैं। होलिका दहन स्थल पर होली के दांडे गाड़े जा चुके हैं। युवाओं, बच्चों की टोलियों ने लकडिय़ां एकत्र करना शुरू कर दिया है।

Holika Dahan 2020 : क्यों मनाते है होली
होली 'रंगों के त्यौहार' के तौर पर मशहूर है। यह त्योहार Holika Dahan फाल्गुन महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस दिन संगीत और ढोल के बीच एक दूसरे पर रंग और पानी फेंका जाता है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह होली भी बुराई पर अच्छाई की जीत करने के प्रतीक के तौर पर मनायी जाती है। प्राचीन पौराणिक कथा के अनुसार होली से हिरण्यकश्यप की कहानी जुड़ी है। होली का इतिहास हिरण्यकश्यप प्राचीन भारत का एक राजा था जो कि राक्षस की तरह था। वह अपने छोटे भाई की मौत का बदला लेना चाहता था जिसे भगवान विष्णु ने मारा था। जिसके उपलक्ष्य में बुराई को खत्म करने के लिए होली Holi in India मनायी जाती है।

होलिका Holikadehn पूजन विधि (Holi Puja Vidhi)
हिन्दू पुराण में होलिका दहन से पहले होली का पूजन करने का विधान है। इस दौरान जातक को पूजा करते वक्त पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। साथ ही पूजा के समय पूजन करने के लिए माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज में गेंहू की बालियां और साथ में एक लोटा जल रखना आवश्यक है। जल लेकर होलिका के चारों ओर परिक्रमा करनी चाहिए उसके बाद होली दहन (Holika Dahan 2020) करना चाहिए।

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