आपराधिक घटनाएं खोली रही यूपी सरकार और पुलिस की पोल

रायबरेली . उत्तरप्रदेश में आपराधिक घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही। बीते कुछ दिनों में एक बार फिर उत्तर प्रदेश अपराध के श्रेणी में आगे हो रहा। अनीता मामले को लेकर मुख्यमंत्री आवास के सामने उस वक्त हड़कम्प मच गया, जब अपनी दो बेटियों संग एक महिला ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था। हालांकि, पुलिस की सक्रियता से महिला अपने मन्सूबों में कामयाब नहीं हो सकी, लेकिन उसके आरोपों ने योगी सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली की पोल खोल दी।

आखिर किसकी साजिश 

सीएम आवास गेट नम्बर तीन पर आत्मदाह का प्रयास करने वाली अनिता प्रकरण के बाद रायबरेली पुलिस को वर्षों पुरानी खिचड़ी खानी पड़ रही है। प्रतीत होता है कि कांग्रेस के गढ़ में उन्नीस का राजनीतिक दंगल शुरू हो चुका है जिस तरह ज़िले की राजनीति को अपने इर्द गिर्द घुमाने वाले दिग्गजों पर सामूहिक बलात्कार का मुकदमा लिखा गया। 

कौन है इस षड्यंत्र के पीछे

सालों से उलझे इस मामले के पीछे कोई दिग्गज तो नहीं है जो पर्दे के पीछे से गढ बचाने के लिए अपनी वफादारी सिद्ध कर रहा हो। क्यो कि बीजेपी पार्टी के एक पुराने नेता को पद के साथ नामजद किया गया। कहीं ऐसा तो नहीं कांग्रेसी संस्कृति बीजेपी को दहेज में मिल गयी हो। 

वसूलों एवं कैडर के बलबूते चलने वाली पार्टी को बड़ी मछली का चारा बनाया जा रहा हो ॽ क्यों कि कुछ माह पहले भी एक दिग्गज भाजापा नेता को फिरौती में फंसाया गया था!  ऐसा तो नहीं बीजेपी रायबरेली को नेता एवं नेतृत्व विहीन करने की योजना हो?

पुलिस पर गंभीर आरोप

पीड़ित महिला का कहना है कि बीते दिनों उसकी मां और बेटी के साथ गैंगरेप हुआ था। उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट भी लिखवाई, लेकिन रायबरेली पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इतना ही नहीं आत्मदाह का प्रयास करने वाली पीड़ित महिला ने अपनी मां, पिता, भाई और बहन की हत्या में रायबरेली पुलिस से न्याय न मिलने का भी आरोप लगाया है।

राजधानी लखनऊ के पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने अपनी दो बेटियों संग एक महिला ने सामूहिक आत्मदाह का प्रयास किया। वह अपने इरादों में सफल हो पाती कि इससे पहले वहां तैनात पुलिसवालों ने उसे रोक दिया। पीड़ित महिला ने रायबरेली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं।

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