कोहरे की चपेट में पूरा मध्य प्रदेश, अब हल्की बारिश के आसार
भोपालः मध्यप्रदेश के कई इलाकों में मौसम के मिजाज एक बार फिर से पल-पल में बदलने लगे हैं। मकर संक्रांति पर्व के बाद से ही कभी गर्मी पडऩे लगती है तो कभी आसमान पर बादल छा जाते हैं। मौसम विभाग ने मौसम के बदलाव और मावठे की बारिश होने के संकेत दिए थे। मौसम के बदलाव के साथ ही मावठे की बारिश के साथ छिटपुट ओले पडऩे की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
गुरूवार को सुबह से ही प्रदेश की राजधानी सहीत रायसेन शहर घने कोहरे की आगोश में समाया रहा। घने कोहरे के छा जाने से वाहन चालकों को अपने वाहन चलाने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। करबी की वस्तुएं वाहन चालकों को नहीं दिख रही थीं। इसीलिए वाहन चालक हेडलाइट जलाकर सड़कों से गुजरे ।दोपहर तक शहर की पहाडिय़ों के आसपास किले कीपहाड़ी पर कोहरे की धुध छायी रही ।
वहीं सर्द हवाओं का सिलसिला भी चलता रहा। आसमान पर हल्के भूरे रंग के बादल भी छाए रहे। मौसम के बदलाव का असर लेागों की दिनचर्या पर भी पड़ा। गुरूवार को सुबह दो घंटे देरी से लोगों ने बिस्तर छोड़ा । शहर के सार्वजनिक चौराहों बाजार में लोगों ने अलाव के सहारे समय काटकर सर्दी से राहत ली ।
बादल छंटते ही फिर बढ़ेगी ठंडक...
दो दिन में मावठे की हल्की बारिश के साथ छिटपुट ओले पडऩे की संभावनाएं आसमान पर से बादल छंटते ही फिर बढ़ेगी ठंडक। मौसम में बदलाव का दौर लगातार बना हुआ है। लगातार दो दिन से बादलों के कारण दिन के तापमान में गिरावट हो रही है। जबकि रात के तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी हुई है।
गुरूवार को दिन का अधिकतम तापमान 24.5 न्यूनतम तापमान 8.55 डिग्रीे सल्सियस और रात का न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हालांकि दिनभर तेज और सर्द हवाएं चलीं हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दो दिन में हल्की मावठे की बारिश या ओले भी गिर सकते हैं। इसके साथ ही बादल छंटने के बाद फि र से ठंडक बढ़ेगी।
गुरूवार और बुधवार को दिनभर बादलों का डेरा रहा। कभी धूप तो कभी छांव की स्थिति रही। इससे दिन के तापमान में कमी आई। मंगलवार को अधिकतम तापमान 28.2 और रात मौसम का तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस था। दूसरे दिन बुधवार को अधिकतम तापमान 0.7 डिग्री कम होकर 27.2 डिग्री और न्यूनतम 0.५ डिग्री बढ़कर 8.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।
मावठे की बारिश होती है तो फसल और जनजीवन पर क्या होगा असर...
फसलों को होगा फायदा: कृषि मौसम विशेषज्ञ डॉ.एसएस तोमर बताते हैं कि यदि बारिश होती है तो गेहूं, सरसों, अरहर, मटर सहित सभी सब्जी वाली फ सलों को फायदा होगा। किसानों को अलग से सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। फ सलों का उत्पादन बढ़ेगा।चने की मसूर की फसलों का नुकसान हो सकता है।
सेहत के लिए भी अच्छा: यदि बारिश होती तो फ रवरी में भी सर्दी का असर रहेगा। सर्दी बरकरार रहना लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। हालांकि मौसम जैसे ही साफ होगा कोहरा गहराएगा।