Coronavirus Research : PRSI के शोध में बड़ा खुलासा, 20% कभी-कभी और 9% नहीं पहनते फेस मास्क

Coronavirus Research : PRSI के शोध में बड़ा खुलासा, 20% कभी-कभी और 9% नहीं पहनते फेस मास्क। यह अध्ययन देश भर के 7 राज्यों में संचार एवं पत्रकारिता के फैकल्टी मेम्बर द्वारा फेस मास्क व्यवहार face mask behavior को लेकर किये गये व्यापक सर्वे का एक हिस्सा है। मध्यप्रदेश के 70 विभिन्न शहरों और कस्बों के 1 हजार से अधिक युवाओं ने ऑनलाइन प्रश्नावली भरकर इस अध्ययन में हिस्सा लिया। इन 1 हजार रिस्पांडेंट में से 90 प्रतिशत 18 से 25 वर्ष की आयु के एवं अविवाहित हैं। इनमें से 87 प्रतिशत लड़कियां, 67 प्रतिशत स्नातक, 22 प्रतिशत परास्नातक एवं पी.एचडी. थे। इनमें 11 प्रतिशत ऐसे भी थे जिन्होंने हायर सेकेण्डरी या उससे कम शिक्षा प्राप्त की है। 

पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी PRSI का मास्क व्यवहार पर सर्वे में मध्यप्रदेश के कॉलेजों में पढ़ने वाले 71 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना काल में पिछले 7 दिनों में मास्क पहना है। वहीं 16 प्रतिशत युवाओं ने कुछ समय के लिये तथा शेष 4 प्रतिशत ने बहुत ही कम समय के लिए मास्क पहना है। यह निष्कर्ष जॉन हापकिंस संचार कार्यक्रम के रिसर्च एवं स्ट्रैटिजिक प्लानिंग के पूर्व निदेशक प्रदीप कृष्णात्रे, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी भोपाल के चेयरमैन पुष्पेन्द्र पाल सिंह एवं Public Relations Society of India के नेशनल काउंसिल मेम्बर मनोज द्विवेदी एवं सचिव डॉक्टर संजीव गुप्ता द्वारा जुलाई 2020 के अंतिम सप्ताह में किये गये ऑनलाइन सर्वे में सामने आये हैं।

पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी PRSI का मास्क व्यवहार पर सर्वे में सामने आया कि ऐसे युवा जो फेस मास्क पहनते हैं उनमें से 54 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना संक्रमण से स्वयं को बचाने के लिये, 8 प्रतिशत ने दूसरों को बचाने के लिये मास्क पहनते हैं। 23 प्रतिशत मानते हैं कि बाद में संक्रमण हो इससे बेहतर है कि मास्क पहनकर सुरक्षित रहा जाये। कुछ लोग स्वयं एवं दूसरो,  दोनों को बचाने तो कुछ लोग इसलिए भी मास्क पहनते हैं कि उनके परिवार के एवं नजदीकी मित्र भी मास्क पहनते हैं। इस सर्वे में 9 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे जिन्होंने स्वीकार किया कि वह मास्क  पहनते ही नहीं हैं। इसके दो अलग-अलग कारण उन्होंने बताए। पहला कि वह या तो घर से बाहर ही नहीं निकलते हैं या फिर वह स्वयं अपनी सुरक्षा कर लेते हैं। सर्वे में बहुत कम संख्या में लोगों ने मास्क ना पहनने के यह कारण भी बताये हैं कि ‘वह बहुत सशक्त हैं, उन्हें कुछ नहीं हो सकता है’ या कि ‘मास्क पहनना बहुत महंगा है।’

युवा किस तरह के मास्क पहनते हैं इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि 57 प्रतिशत कपड़े का बना, 20 प्रतिशत एन-95 व 18 प्रतिशत सर्जिकल मास्क पहनते हैं। अध्ययन में 48 प्रतिशत यानि कि लगभग आधे लोगों ने बताया कि वह लोगों से बात करते समय कभी भी मास्क नहीं उतारते हैं। किन्तु 9 प्रतिशत हर समय मास्क उतारते हैं। 21 प्रतिशत कभी-कभी, 22 प्रतिशत बहुत ही कम मास्क उतारते हैं। युवाओं में आधे से अधिक यानि 57 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मास्क पहनना असुविधाजनक नहीं है। जबकि शेष इसे असुविधाजनक मानते हैं। 

इस अध्ययन में  उत्तरदाताओं से 5 प्रश्न  फेस मास्क पहनने के लाभ संबंधित ज्ञान को जांचने के लिये पूछे गये थे। इन प्रश्नों के उत्तर में 90 प्रतिशत स्वीकार करते हैं कि फेस मास्क हवा से कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करता है। इसी प्रकार 90 प्रतिशत ही यह भी मानते हैं कि फेस मास्क वहां भी मददगार होता है जहां समाज में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर पाना कठिन होता है। सर्वे में 71 प्रतिशत का यह मानना है कि फेस मास्क को छूने से यह सुरक्षा करने में सहायक नहीं होता है। ऐसी स्थिति में इसे बदला जाना आवश्यक होता है। यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि सर्वे में शामिल सिर्फ 42 प्रतिशत लोग ही मानते हैं कि फेस मास्क कोविड-19 से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने में सहायक है। सर्वे के 63 प्रतिशत लोग यह मानते है कि यदि आबादी के 90 प्रतिशत लोग फेस मास्क पहनने लगें तो लॉक डाउन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। 

55 प्रतिशत लोग फेस मास्क का एक बार से अधिक उपयोग करते हैं। 80 प्रतिशत उसका दोबारा उपयोग करने से पूर्व उसे धोते हैं। इस अध्ययन में एक मजेदार बात यह सामने आयी कि 28 प्रतिशत लोग पुलिस की उपस्थिति के कारण मास्क पहनते हैं। युवा उपयोग किये गये मास्क को नष्ट करने के लिये भी अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। 60 प्रतिशत लोग इसे डस्टबिन में डालकर हाथ धोते हैं। यह डस्टबिन घर के अंदर या बाहर दोनों में से कहीं भी रखा होता है। कुछ लोग इसे गाड़ देते हैं या जला देते हैं या घर के बाहर फेंक देते हैं। एक चौथाई लोग फेस मास्क नष्ट नहीं करते हैं, क्योंकि यह फेस मास्क कपड़े का बना होता है। कुछ लोग फेस मास्क को दोबारा उपयोग करने से पूर्व पानी या डेटाल से धोते हैं।

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