लोकसभा में कांग्रेस की स्थिति खराब! अपनों से पार पाने में जुटी कांग्रेस...

Loksabha Election 2019 की सुगबुगाहट के साथ कांग्रेस खेमे में सेंध लगनी शुरू हो गई। चुनावों की घोषणा होने के बाद अब कांग्रेसी नेताओं में सियासत तेज हो चुकी है। एक तरफ पार्टी आलाकमान चुनाव जीतने के लिए महागठबंधन संग जोड़-तोड़ में लगे हुए है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता लगातार उनका साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहें। 

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में...

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की स्थिती कुछ राज्यों से कुछ बेहतर है। इन राज्यों में विधानसभा जीत के बाद से लोकसभा में जीत हासिल करने की कवायद की जा रही है। खास बात ये भी है कि इनमें कई अनुभवी नेता भी हैं, जिनकी अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। जानकार मानते हैं कि कांग्रेस को अपने ही नेताओं की नाराजगी भारी पड़ सकती है। दलबदल की इस राजनीति से एक तरफ जहां कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है, दूसरी तरफ भाजपा इन नेताओं के जरिए अपना चुनावी समीकरण सुधारने में जुटी है।

असम में कांग्रेस असामान्य हालत में...

असम में कांग्रेस के पूर्व मंत्री रहे गौतम रॉय और पूर्व सांसद किरिप भी (13-मार्च-2019) को भाजपा में शामिल हो गए हैं। गौतम रॉय सिलचर से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। अब भाजपा उन्हें सिलचर लोकसभा सीट से चुनाव में उतार सकती है। यहां से फिलहाल कांग्रेस की सुषमिता देव सांसद हैं। असम में इन दोनों नेताओं के भाजपा में शामिल होने का नुकसान कांग्रेस को झेलना पड़ सकता है।

कर्नाटक में कांग्रेस की स्थिति...

हाल ही में कर्नाटक कांग्रेस के नेता डॉ उमेश जाधव, भाजपा में शामिल हुए हैं। वह कर्नाटक की चिंचोली विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने थे। आगामी लोकसभा चुनाव में वह कलबुर्गी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जिसकी घोषणा कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने की है। उमेश जाधव भाजपा के टिकट से इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सीधी टक्कर देने के लिए उतरेंगे।

मल्लिकार्जुन खड़गे नौ बार विधानसभा और दो बार (2009 व 2014 में) कलबुर्गी से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उमेश जाधव के पाला बदलने से परेशान कांग्रेस ने जाधव सहित चार विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस भी दिया है। तीन अन्य नेता रमेश जरकीहोली, बी नागेंद्र और महेश कमतल्ली हैं।

महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को झटका...

महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल भी 12 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए। राधाकृष्ण विखे पाटिल महाराष्ट्र विधानसबा में विपक्ष के नेता भी हैं। राधाकृष्ण विखे पाटिल अहमदनगर लोकसभा सीट अपने बेटे के लिए छोड़ना चाहते थे। राज्य में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इससे इंकार कर दिया था। इस सीट पर फिलहाल भाजपा के दिलीप गांधी सांसद हैं। शरद पवार के विरोध के बाद सुजय ने भाजपा नेता गिरीश महाजन संग बैठक की थी। इसके बाद से ही उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रहीं थीं। सुजय के अलावा मुंबई से कांग्रेस के विधायक कालिदास कोलम्बकर के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। वह सात बार कांग्रेस के टिकट से विधायक रह चुके हैं।

गुजरात में कईयों ने छोड़ा कांग्रेस का साथ...

एक तरफ कांग्रेस गुजरात में हार्दिक पटेल को साथ लाकर लोकसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के प्रयास में जुटी है, दूसरी तरफ पार्टी के नेता लगातार उनका साथ छोड़ रहे हैं। पिछले चार दिनों में कांग्रेस के तीन विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। CWC बैठक से एक दिन पहले (सोमवार) को जामनगर (ग्रामीण) के विधायक वल्लभ धारविया ने भी पार्टी से इस्तीफे दे दिया। जनवरी से अब तक धारविया पांचवें कांग्रेस विधायक हैं, जिन्होंने पार्टी का साथ छोड़ा है।

इससे पहले आठ मार्च को ध्रांगधरा के विधायक परषोत्तम सबारिया और माणवदर के कांग्रेसी विधायक जवाहर चावड़ा ने भी विधायन सभा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इससे पहले नवंबर 2018 में जसदण उपचुनाव से पहले भी कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा नेता भाजपा में शामिल हुए थे। इसमें सौराष्ट्र के जसदण विधायक कुंवरजी बावलिया सबसे बड़ा नाम थे, जिन्हें राज्य सरकार ने तुरंत जलापूर्ति मंत्री बना कैबिनेट में शामिल कर लिया था।

तेलंगाना में पांचवे विधायक ने छोड़ी कांग्रेस...

लोकसभा चुनाव से मात्र एक माह पहले कांग्रेस तेलंगाना में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बुरी तरह से जूझ रही है। आलम ये है कि पिछले 10 दिनों में ही तेलंगाना के 19 कांग्रेस विधायकों में से चार तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) में जा चुके हैं। अब पांचवें विधायक के भी जल्द टीआरएस में जाने की चर्चा जोरों पर है। पांचवे विधायक के तौर पर टीआरएस में जाने वाली वरिष्ठ कांग्रेसी नेता माहेश्वरम् की विधायक सबिता इंद्र रेड्डी हो सकती हैं। इससे पहले 03 मार्च को आसिफाबाद विधायक ए सक्कु और पिनाका के विधायक आर कांथा राव कांग्रेस छोड़, टीआरएस में शामिल हुए थे। 11 मार्च को येल्लंदू की विधायक बी हरिप्रिया और 10 मार्च को नाकरेकल के विधायक चिरुमंथी लिंगैया ने कांग्रेस छोड़ टीआरएस का दाम थाम लिया था। टीआरएस नेताओं का दावा है कि कांग्रेस के कुछ और विधायक पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। मालूम हो कि इससे पहले 12 अक्टूबर 2018 को तेलंगाना में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सी दामोदर राजनरसिम्हा की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता पद्मिनी रेड्डी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।

पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस पर संकट...

पश्चिम बंगाल में भी राजनीतिक हलचल पूरे जोर पर है। मंगलवार को नई दिल्ली में पश्चिम बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय व पश्चिम बंगाल चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष मुकुल राय की मौजूदगी में बागदा से कांग्रेस विधायक दुलाल बर भाजपा में शामिल हुए थे। मुकुल राय ने दावा किया कि आने वाले दिनों में कई और नेता भाजपा में शामिल होंगे। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीपा दासमुंशी के भी भाजपा में शामिल होने की चर्चा चल रही है, हालांकि वह इन अटकलों का खंडन कर चुकी हैं। बताया जाता है कि रायगंज लोकसभा सीट माकपा के पास चले जाने से कांग्रेस नेता दीपा दासमुंशी काफी नाराज है।


 

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