अक्षय तृतीया पर बना कीमती वस्तुओं के क्रय-विक्रय के लिए दुर्लभ संयोग

अक्षय तृतीय के शुभ अवसर पर आप भी अपने राशि के अनुसार समय से पूजा अर्चना कर, धन लाभ की प्राप्ती कर सकते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार अक्षय तृतीया से सतयुग और त्रेतायुग से मनाया जा रहा है। कहा जाता है कि मां मातंगी देवी और भगवान परशुराम का अवतरण भी अक्षय तृतीया के दिन हुआ था। और इसी दिन भगवान विष्णु ने हयग्रीव और नर-नारायण का अवतार भी लिया था। इसी वजह से यह तिथि भारतीय संस्कृति की सर्वोत्तम मुहूर्त का निर्माण करती है।

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश कुमार शर्मा की मानें तो इस बार अक्षय तृतीया पर बुधादित्य योग के साथ सूर्य चंद्र और शुक्र का उत्च राशियों में होना विशेष फलदायी योग बनाता है। अक्षय तृतीया के दिन विशेष पूजा अर्चना और अनुष्ठानिक मुहूर्त का समय सुबह सूर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. सूर्योदय का समय अपने-अपने शहर के अनुसार देख लें। 

मंगल कार्य के लिए शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया के दिन कीमती वस्तुओं के क्रय-विक्रय और विभिन्न मांगलिक कार्यों को करने के लिए सूर्योदय से रात्रि 2 बजकर 16 मिनट तक का समय है। अक्षय तृतीया विवाहादि मांगलिक कार्यों को करने के लिए यह दिन विशेष शुभ माना जाता है. इस दिन की गई यंत्र स्थापना दीर्घकालतक स्थिर रहती है। इस दिन लिए गए सभी संकल्प पूर्ण होते हैं. खास बात यह है कि इस दिन किया गए दान का पुण्य अक्षय रहता हैं।

Share:


Related Articles


Leave a Comment